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हिन्दी हमको भाती है

भारत भूषण पाठक देवांश
धौनी (झारखंड)

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हिन्दी हमको भाती है,
सबको खूब सिखाती है,
चुन्नी-मुन्नी तुम भी पढ़ लो,
दीदी आज बताती है।

जन-जन की भाषा हिन्दी,
कहता रंभाकर नन्दी,
कोयल बागों में बोले,
सुन्दर लगती है बिन्दी।

संस्कृत भाषा की बेटी,
नेह बाँहों में समेटी,
यही बनाती है ज्ञानी,
समृद्धि देती भर पेटी।

परिचय :- भारत भूषण पाठक ‘देवांश’
लेखनी नाम – तुच्छ कवि ‘भारत ‘
निवासी – ग्राम पो०-धौनी (शुम्भेश्वर नाथ) जिला दुमका (झारखंड)
कार्यक्षेत्र – आई.एस.डी., सरैयाहाट में कार्यरत शिक्षक
योग्यता – बीकाॅम (प्रतिष्ठा) साथ ही डी.एल.एड.सम्पूर्ण होने वाला है।
काव्यक्षेत्र में तुच्छ प्रयास – साहित्यपीडिया पर मेरी एक रचना माँ तू ममता की विशाल व्योम को स्थान मिल चुकी है काव्य प्रतियोगिता में।

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