Tuesday, December 3राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

ऊंची कुर्सी… नीचे काम

डॉ. कामता नाथ सिंह
बेवल, रायबरेली

********************

बदल गया युग, बदल गये
सब जीवन के आयाम।
योगेश्वर! हम कब तक ढोयें
कर्मयोग निष्काम।।

युद्ध अधर्म-विरुद्ध‌‌‌ गये
जीते, क्या धर्म-भरोसे,
अश्वत्थामा,कर्ण गये
मारे क्या पुण्य-करों से;

कटे अंगूठे एकलव्य के
कबतक करें प्रणाम??

अगर जुए में धर्मराज
हारेंगे द्रुपद-सुता को,
राम परीक्षा लेकर, वन
भेजेंगे जनक-सुता को;

तो समाज झेलेगा इसका
निश्चित दुष्परिणाम।।

यहां धर्म की नहीं,
सिर्फ स्वारथ की सत्ता है,
महाधूर्त पाखण्डी
की ही अधिक महत्ता है;

जितनी ऊंची कुर्सी जिसकी,
उतने नीचे काम।।

परिचय :- डॉ. कामता नाथ सिंह
पिता : स्व. दुर्गा बख़्श सिंह
निवासी : बेवल, रायबरेली
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *