
हास्य दिवस
रचयिता : शशांक शेखर
=============================================================
हे पत्नी देवी मनोरागिनी
सकल सुख दोहिनि
तू मरकट मछर सी
गुंजन कारिनी
रक्त पिपासिनी
आनंद कुन्द विराट रूप धारिणी
तुम मायका क्या बैठ गयी
चार दिन की चाँदनी क्या सॅंट गयी
रोम रोम मोरा नृत्यांगिनी
रोग-हीन भई काया
सोए भाग जागे
जो लक्ष्मी रूपा तू
मोर ससुरा घर गामिनी |
हे पत्नी देवी मनोरागिनी
सकल सुख दोहिनि
आनंद कुन्द विराट रूप धारिणी
मगर हे प्रिया
विशाल हृदय वाहिनी
अब लौट आओ की
घर है कुरेदान विकराल संगिनी
कपड़ों की स्त्री है भँजिनी
दारू पार्टी से बजेट मोर है अन्बैलेन्सिनि |
हे पत्नी देवी मनोरागिनी
सकल सुख दोहिनि
आनंद कुन्द विराट रूप धारिणी |
हे देवी चाहे धरो तुम रूप रति का
चाहे बनो काली साक्षातिनी
अपने जन को क्षमा करो
कब से तुम्हे पुकार रहे हम
रख लो लाज हमारी
हे मोर भाग्या वाचिनी
दर्शन दो हे ज्वालामुखी सन्दर्भिनी
हे पत्नी देवी मनोरागिनी
सकल सुख दोहिनि
आनंद कुन्द विराट रूप धारिणी |
लौट आओ
के जैसी भी हो
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव
त्वमेव सर्वम म्म देव देव |
हे पत्नी देवी मनोरागिनी
सकल सुख दोहिनि
आनंद कुन्द विराट रूप धारिणी
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…