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मददगार

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रचयिता : संजय वर्मा “दॄष्टि”

अस्वस्थता में
पहचान होती
ईश्वर और इंसान की
कौन था मददगार
श्मशान के क्षणिक
वैराग्य ज्ञान की तरह
भूल जाता इंसान
मदद के अहसान को
फर्ज के धुएँ में
सांसे थमी
आँखे पथराई
रतजगा से आँखों में सूजन
अपनों की राह निहारती आँखे
झपक पड़ती हुई निढाल सी
आवश्यकता का भान
मन  बेभान
भरोसे का  वजन करने की चाह में
ईश्वर और इंसान
बन जाते तराजू के पलवे
गुहार का कांटा
झुकता है किस और
किसी को पता नहीं
किंतु एक विश्वास
थमी सांसों के लिए
जो मांग रहा  दुआएँ
पीड़ित  की सांसे चलने
अपनों की आबो हवा में
फिर से साथ जीने का
नए  जीवन का अहसास
एक आस के साथ
खोजता मददगारों को
वो ईश्वर हो या इंसान

परिचय :- नाम :- संजय वर्मा “दॄष्टि” पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ – मई -१९६२ (उज्जैन )
शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग )
प्रकाशन :- देश – विदेश की विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक “, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५ , अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य पाठ :- काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच

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