Wednesday, November 13राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

है सलाम

***********

रचयिता : किशनू झा “तूफान”

है सलाम, है सलाम, है सलाम, है सलाम।
दे गये देशहित, प्राण उनको सलाम।

जां लुटा दी उन्होंने, वतन के लिए ।
चुन लिया है तिरंगा, कफन के लिए।
कतरा कतरा बहाकर के अपना लहू,
कर गये हैं समर्पित, चमन के लिए।
उनके घर बन गये, जैसे तीरथ के धाम।
है सलाम, है सलाम, है सलाम, है सलाम।

धरातल, गगन ये, समय रुक गया।
जब गये छोड़कर, हर ह्रदय झुक गया।
हो गये जो अमर, अब युगों के लिए।
हम जपें सुबह शाम, उन शहीदो का नाम।
है सलाम, है सलाम, है सलाम, है सलाम।

राष्ट्र ध्वज था कफन, यह भी अर्ग मिल गया।
यह धरा छोड़ दी उनको, स्वर्ग मिल गया।
जब गये होंगे ईश्वर के, घर पर शहीद।
झुक शहीदों का स्वागत किये, होंगे राम।
है सलाम, है सलाम, है सलाम, है सलाम।

राष्ट्र के सामने था, धर्म झुक गया।
घाव को देखकर, के मरहम झुक गया।
हिन्दुओं, मुस्लिमों ने किया था नमन,
छोड़कर देश को जब गये थे कलाम।
है सलाम, है सलाम, है सलाम, है सलाम।

 

लेखक परिचय : –
नाम – किशनू झा “तूफान”
पिता – श्री मंगल सिंह झा
माता – श्रीमती अंजना झा
निवासी – ग्राम बानौली,(दतिया)
सम्प्रति – बी. एससी. नर्सिंग
अध्यक्ष – सत्यमेव जयते महाशक्ति संगठन
सम्मान – मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा साहित्यकार सम्मान, कर्नाटक द्वारा साहित्य भूषण सम्मान, शब्द मधुकर सम्मान, जालंधर द्वारा काव्य शिरोमणि तुलसीदास सम्मान
विधा – गीत, गजल, दोहा, मुक्त, छन्द आदि

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें ….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *