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वो पालता है

रचयिता : शिवम यादव ”आशा”

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कर्ज पर कर्ज लेकर
बाप जिस औलाद को पालता है
     वही पिता बनते ही
 अपने पिता को दुतकारता है
कितनी दुश्वारियाँ सहकर वो
     उसे पालता है
लेकिन बुढापा के समय
वही बेटा बाप से मुहँ
   क्यों मोड़ता है
आज तक बाप से सीखने वाला
   कल तक अन्जाना था
वही आज़ लौटकर बाप को
    ज्ञान बाँटता है
कुछ औलादे पैरों पर
  खड़े होते ही
अपने माँ-बाप अशब्द
    बोलते हैं
वक्त के बिगड़ते ही (गर्ज़) बाप
से रिश्ता जोड़ता है
लेखक परिचय : नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं
रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन “

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