होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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स्वतंत्रता मिल चुकी है,
आजादी से सबको प्यार,
आसमान अब चूमना है,
लो आज फिर घूमना है।
आजादी के रूप अनेक,
कोई काम से है आजाद,
किसी को बचपन याद,
कोई करता है फरियाद।
कोरोना के बंधन में थे,
अनलॉक के दिन आये,
बीते के दिन भूलना है,
लो आज फिर घूमना है।
कैदी काट रहा था जेल,
कैदियों से था बस मेल,
छूट गया फिर, कैद से,
कैद से खत्म हुआ खेल।
कैदी हुआ कैद से रिहा,
कैदखाना दिन भूलना है,
प्रसन्न बहुत नजर आया,
आजाद फिर, घूमना है।
पढ़ते पढ़ते हुआ बोर,
नींद हैं आंखों में घोर,
परीक्षा संपन्न हो गई,
आज फिर, घूमना है।
दौड़ रहा मंजिल ओर,
मंजिल अभी दूर ना है,
एक दिन मिले मंजिल,
तब तक यंू घूमना है।
दुश्मन बचकर निकले,
आंसू आंखों से, बहते,
अब दुष्ट को, घूरना है,
ले आज फिर घूमना है।
गर्मी की छुट्टियां, शुरू,
स्कूल अब, भूलना है,
दौड़ चले, सैर सपाटा,
लो आज फिर घूमना है।
पकड़ चलता हाथ मां,
बच्चा करता बहुत शोर,
पिता के सहारे आंगन,
बच्चे को अब घूमना है।
इंकलाब की करे पुकार,
कैद में भी नहीं माने हार,
फांसी का फंदा चूमना है,
लो स्वतंत्र फिर घूमना है।
आत्मा कह रही जन से,
अब शरीर को भूलना है,
लंबे समय तन कैद में थी,
लो अब स्वतंत्र घूमना है।
आये माता के नवरात्रे तो,
माता मंदिरों में घूमना है,
छवि मां की बसा मन में,
मां की दहलीज चूमना है।
दर्द बहुत दे गये वो दिन,
रो रोकर गुजारे दिन रात,
उन दिनों को, भूलना है,
लो आज फिर घूमना है।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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