Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

अकेले ही लड़ना है

दीवान सिंह भुगवाड़े
बड़वानी (मध्यप्रदेश)

********************

उम्मीदें कितनी है तुझ पर तेरे अपनों की
माता-पिता दोस्त और भाइयो-बहनों की
कर पालन किया था जो वादे-वचनों की
अंत समय तक ना छोड़ डगर सपनों की।

कर इज्जत सदैव अपने गुरुजनों की
कमाई कर व्यवहार, कुशलता, आदर्शों की
हो सफल इज्जत बड़ा ,अपने परिजनों की
आस ना कभी कर, ऊंचे-बंगले भवनों की।

चल मंद-मंद मगर रोक न चाल कदमों की
ना कर परवाह जीवन में मिथक कथनों की
मुश्किलें लाखो हो, अपने मंजिल-ए-सफर की
मगर कर परिश्रम, त्याग चेन-नींद, आरामों की।

ना रख उम्मीद किसी से साथ-सहयोग की
यहां तो पड़ी है सबको अपने मतलब की
इस जहां में कोई कदर नहीं उस इंसा की
जो सत्य हो खाता कमाई अपने मेहनत की।

थोड़ा-पढ़ भी ले ऐ-युवा, वक्त है अभी भी
कर्तव्य जान ले अपने और हक-अधिकार भी
हो यदि भ्रष्टाचार-अन्याय तो उठा आवाज भी
पढ़कर लड़,लड़कर पढ़ और आगे बढ़ भी।

अपार दुख है जीवन में, खुशियों की है बौछार भी
राहे नदियों समान बना, हौसला बना पठार भी
जीत जब तक ना मिले, अपनी मान मत हार भी
हुनर दिखा जीत जहां, मिलेगा सम्मान उपहार भी।

अकेले ही लड़ना है तुझे, आएगा ना कोई भी
बढ़ निरंतर आगे खुद बन योद्धा और सारथी
सुन ले कुछ कहे जमाना, तो कोई टोकेगा भी
हर विघ्न पार कर “दिवान” कोई रोकेगा भी
होगा सफल तो, जमाना तुझे सलाम ठोकेगा भी।

परिचय :- दीवान सिंह भुगवाड़े
निवासी : बड़वानी (म.प्र.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *