Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जला दिए हैं

एम एल रंगी
पाली राजस्थान
********************

जला दिए हैं ९ दिये ठीक रात ९ बजे ९ मिनिट तक,
हमने सोचा था की भाग जायगा कोरोना,
जैसे भाग जाते है गधे के सिर से सिंग …!!

भागा ही नही वो तो अभी भी है कायम,
गलती से भी अब यारो मत बतियाना,
और मत बैठना किसी के भी ढिग ..!!

रहना होगा अभी हमको घरों में ही,
त्रासदी भयंकर है भारी,कर दी अगर,
जरा सी चूक तो लग जायँगे लाशो के ढिंग .!!

वैर-भाव को छोड़ो अब तो हे धर्मधुरंधरो,
देश बचा लो अब तो, इंसानियत को धारो,
तुम्हारा तो कुछ भी गया न फिटकरी न हींग .!!

लानत है, जिल्लत है, चायना वालो तुम पर,
फैला दी पूरे विश्व मे ये कैसी महामारी,
हाय लगेगी तुम्हे और मरेंगे तुम्हारे भी जिंग-पिंग .!!

तुम क्या समझो वायरस हमला करके,
पल में बन जाउंगा विश्व – किंग .!!
इस मुगालते में मत रहना भूलकर भी,
खोल त्रिनेत्र जाग गया अगर इस सृष्टी का किंग !!

तो धरी की धरी रह जायगी होशियारी तेरी,
“रांगी”कहे फिर काम न आएंगे लावलश्कर और विंग !!

परिचय :-  एम एल रंगी,
शिक्षा : एम. ए., बी. एड.
व्यवसाय : अध्यापक
जन्म दिनांक : २३/०६/१९६५
निवासी : सांवलता, जिला. – पाली राजस्थान

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *