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जला दिए हैं

एम एल रंगी
पाली राजस्थान
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जला दिए हैं ९ दिये ठीक रात ९ बजे ९ मिनिट तक,
हमने सोचा था की भाग जायगा कोरोना,
जैसे भाग जाते है गधे के सिर से सिंग …!!

भागा ही नही वो तो अभी भी है कायम,
गलती से भी अब यारो मत बतियाना,
और मत बैठना किसी के भी ढिग ..!!

रहना होगा अभी हमको घरों में ही,
त्रासदी भयंकर है भारी,कर दी अगर,
जरा सी चूक तो लग जायँगे लाशो के ढिंग .!!

वैर-भाव को छोड़ो अब तो हे धर्मधुरंधरो,
देश बचा लो अब तो, इंसानियत को धारो,
तुम्हारा तो कुछ भी गया न फिटकरी न हींग .!!

लानत है, जिल्लत है, चायना वालो तुम पर,
फैला दी पूरे विश्व मे ये कैसी महामारी,
हाय लगेगी तुम्हे और मरेंगे तुम्हारे भी जिंग-पिंग .!!

तुम क्या समझो वायरस हमला करके,
पल में बन जाउंगा विश्व – किंग .!!
इस मुगालते में मत रहना भूलकर भी,
खोल त्रिनेत्र जाग गया अगर इस सृष्टी का किंग !!

तो धरी की धरी रह जायगी होशियारी तेरी,
“रांगी”कहे फिर काम न आएंगे लावलश्कर और विंग !!

परिचय :-  एम एल रंगी,
शिक्षा : एम. ए., बी. एड.
व्यवसाय : अध्यापक
जन्म दिनांक : २३/०६/१९६५
निवासी : सांवलता, जिला. – पाली राजस्थान

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