Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

नफरत

ममता श्रवण अग्रवाल (अपराजिता)
धवारी सतना (मध्य प्रदेश)
********************

इतनी नफरत क्यों है मन में,
क्या इसका है परिणाम जानना।
एक अकेला जब बचेगा तू,
तब होगी तुझे असह्य वेदना।।

स्वर्ण महल में बैठ कर भी,
नही मिलेगी तुझे शीतलता।
व्यग्र रहेगा हर पल तब तू,
जब तुझे सतायेगी नीरवता।।

मेवों, मिष्ठानों, पकवानों से,
कभी न मिटती क्षुधा उदर की।
मिटती क्षुधा सदा अन्न से,
और तृप्ति भी मिलती मन की।।

नफरत तो है जहर इक ऐसा,
जिससे रिश्तों में बढ़ जाए दूरी।
और अतृप्ति के आ जाने से,
कभी न हों इच्छायें पूरी।।

अतः मिटाये अब हम नफरत,
और सब में बांटे अपना प्यार।
नफरत से बढ़ती है नफरत,
और प्यार से बढ़ता प्यार।।

परिचय :- ममता श्रवण अग्रवाल (अपराजिता)
निवासी – धवारी सतना (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *