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परिश्रमि राहि

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रचयिता : राजेश कडोले

“मिली है, जिंदगी इसे तू बेकार मे मत गवाना।
थोड़ा सब्र रखना और बहुत पसीना बहाना।
आज नहीं तो कल तू जीत जाएगा।
यही भरोसा तू अपने आपको दिलाना।
मिली है जिंदगी इसे तू बेकार में मत गवाना।
और एक बात याद जरूर रखना।
भला दूसरों का करना और अपना कर्तव्य मत भूलना।
भले ही कछुए की चाल चलना पर खरगोश की तरह मत उछलना।
मिली है जिंदगी से तू बेकार में मत गवाना।
लोग तुझे रोकेंगे, तू मत रुकना और उनको कुछ मत समझाना।
बस तू चलते रहना और लोगों से किताबों से सीखते रहना।
विश्वास रखना कि एक न एक दिन मंजिल मिलना है, यही हौसला रखना।
बस तू चलते रहना और आगे बढ़ते रहना।
मिली है जिंदगी इसे तू बेकार में मत गवाना।
लेखक परिचय :-  राजेश कडोले
उपनाम :- कविराज
जन्मतिथि :- २६/०६/१९९८
भाषा ज्ञान :- हिंदी, अंग्रेजी
शिक्षा :- इंजीनियरिंग  ट्रेड  (आईटीआई),बीएससी, जर्नलिज्म (बीजेएमसी) चलायमान
कार्यक्षेत्र :- कोचिंग संस्था संचालक शिक्षक जीव विज्ञान
रुचि :- मंच संचालन करना
सामाजिक गतिविधि :- मार्गदर्शन और प्रेरणा
लेखन विद्या :- लेख कविता मोटिवेशन शायरी
लेखनी का उद्देश्य :-  सामाजिक समस्या राष्ट्रीय एकता व्यक्तिगत सर्वागीण विकास”

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