Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सख्त पत्थर

अख्तर अली शाह “अनन्त”
नीमच

********************

सख्त पत्थर को गला पानी बनाकर दम लिया।
जब हठीले बनगए महफिल सजाकर दम लिया।।

हारते कैसे बताओ जंग नाहक से ठनी।
जान दे दी हमने अपनी सिर कटाकर दम लिया।।

जिद यही थी के सरापा तम हमें भी घेर ले।
किन्तु हमने डूबता सूरज उगाकर दम लिया।।

लब रहे प्यासे भले मैदान में टूटे न हम।
प्यास को भी तो वहां दासी बनाकर दम लिया।।

लाख आए जलजले तूफान लेकिन क्या हुआ।
हकपरस्तों ने शमा हक की जलाकर दम लिया।।

फूलती फलती भला कैसे यजीदी भावना।
लुट गया इब्नेअली लेकिन मिटाकर दम लिया।।

ताकयामत हक न हारेगा भरोसा रखा “अनन्त”।
हकसदा कायमरहा सिक्का चलाकर दम लिया।।

परिचय :- अख्तर अली शाह “अनन्त”
पिता : कासमशाह
जन्म : ११/०७/१९४७ (ग्यारह जुलाई सन् उन्नीस सौ सैंतालीस)
सम्प्रति : अधिवक्ता
पता : नीमच जिला- नीमच (मध्य प्रदेश)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *