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कलयुग के भगवान

संजय जैन
मुंबई

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तुम हो कलयुग के भगवान
गुरु विद्यासागर।
तुम हो ज्ञान के भंडार
गुरु विद्यासागर।
हम नित्य करें गुण गान
गुरु विद्यासागर।।

बाल ब्रह्मचारी के व्रतधारी
सयंम नियम के महाव्रतधारी।
तुम हो जिनवाणी के प्राण
गुरु विद्यासागर।
हम नित्य करे गुण गान
गुरु विद्यासागर।।

दया उदय से पशु बचाते
भाग्योदय से प्राण बचाते
मेरे मातपिता भगवान
गुरु विद्यासागर ।
हम नित्य करे गुण गान
गुरु विद्यासागर।।

जैन पथ हमको चलाते
खुद आगम के अनुसार चलते।
वो सब को देते विद्या ज्ञान
गुरु विद्या सागर।
हम नित्य करे गुण गान
गुरु विद्यासागर।
तुम हो कलयुग के भगवान
गुरु विद्यासागर।
ज्ञान के सागर विद्यासागर
हम नित्य करे गुण गान
गुरु विद्या सागर।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ – साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।


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