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गजानंद करो कल्याण

मनमोहन पालीवाल
कांकरोली, (राजस्थान)
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गजानंद करो कल्याण
गजानंद करो कल्याण
घर म्हारे पधारो
घर म्हारे पधारो
मोदक का भोग लगाऊं
रोज उतारूं आरती मैं
गजानंद करो कल्याण
गजानंद करो कल्याण
बहुरे नाम है आपके स्वामी
काम सँवारे सबके हो स्वामी
गंजानंद करो कल्याण
गंजानंद करो कल्याण
शिव पार्वती के होकर सुत
शिवा नंदन कहलाए तुम
कौन बड़ा,भाई भाई के झगडे में
कर प्रदक्षिणा मात पिता की
ब्रह्माण्ड बताया आपने उनको
प्रथम पूज्य कहलाये देव
गंगानंद करो कल्याण
गंगानंद करो कल्याण
देवो में प्रथम देव तुम कहलाए
दीन दुखी के तुम दुख सहलाए
मूषक है आपकी सवारी
प्रथम देव है आपकी बारी
जिसने तुम को पूजा है
जीवन सुखमय बना उसका है
मैं भी क्या राह अपनाऊं
चरण आपके मै भी पाऊं
गंगानंद करो कल्याण
गंगानंद करो कल्याण
गर्दिशों में, मैं घूमा हूं
कैसे मंज़िल मेरी पाऊं
है गणेश गंगानंद लम्बोदर
तुम मुझसे क्या चाहो
मैं तुमसे क्या चाहूं
हे सिद्धि विनायक करो कल्याण
गंगानंद करो कल्याण
गंगानंद करो कल्याण

परिचय :- मनमोहन पालीवाल
पिता : नारायण लालजी
जन्म : २७ मई १९६५
निवासी : कांकरोली, तह.- राजसमंद राजस्थान
सम्प्रति : प्राध्यापक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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