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आजाद की गोली से

रमेश चौधरी
पाली (राजस्थान)
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आजाद की गोली से,
भगतसिंह की बोली से,
भागे थे अंग्रेज…
गांधी की राठी से।

शत्रीय सीरवी के हल से,
राणा की तलवार से,
भागे थे अंग्रेज…
जनता के अदम्मीय साहस से।

रानी लक्ष्मी बाई की वीरता से,
ठाकुर कुशाल सिंह की एकता से
भागे थे अंग्रेज…
बहादुर शाह ज़फ़र की अगवाई से।

उधम सिंह के अदम्मिय साहस से,
तात्या टोपे के बलिदान से,
भागे थे अंग्रेज…
मंगल पांडे के विद्रोह से।

बिस्मिल और रोशनसिंह के नेतृत्व से,
ब्रिटिश खजाना लूट से,
भागे थे अंग्रेज…
काकोरी काण्ड की बदौलत से।

सुगाली माता के आर्शीवाद से,
आई माता के परम धैर्य से,
भागे थे अंग्रेज…
मां भवानी की कृपा से।

गर्व है हमे उन वीर माताओं पर,
जिसने ऐसे शुरवीरो को जन्म देकर,
सींचा है अपने रक्त के बलिदान से,
मातृ भूमि की शहादत को।

परिचय :- रमेश चौधरी
निवासी : पाली (राजस्थान)
शिक्षा : बी.एड, एम.ए (इतिहास)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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