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मित्रता वरदान है

रशीद अहमद शेख ‘रशीद’
इंदौर म.प्र.

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हैं बहुत संबंध भू पर!
स्नेह सरसाते परस्पर!
भिन्न कालों में सहायक,
मनुज जीवन में सभी पर
मित्रता सुखदाई संबंध, मित्रता वरदान है!

मित्रता है स्वच्छ दर्पण!
इसमें आवश्यक समर्पण!
प्रश्न हो अधवा समस्या,
मित्रता उत्तर-निवारण!
दूर करता मित्र-पथ से मित्र सब व्यवधान है !

पथ प्रदर्शक-प्राण रक्षक!
निकटतम शिक्षक-प्रशिक्षक!
मित्र-हित साधक निरन्तर,
सर्वदा शुभ सुलभ पक्षक!
स्वप्न में भी मित्र करता मित्र का सम्मान है!

मित्रता देती है परिचय!
मित्रता करती है निर्णय!
मित्रता गुण-दोष कारण,
मित्रता से जय-पराजय!
मित्रता से व्यकि के व्यक्तित्व की पहचान है!

जब समय होता विकट है!
मित्र तब होता निकट है!
दुख-भंवर जब-जब सताए,
मित्र बनता सुखद तट है!
कष्टदायक क्षणों में ही मित्र की पहचान है!

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परिचय –  रशीद अहमद शेख ‘रशीद’
साहित्यिक उपनाम ~ ‘रशीद’
जन्मतिथि~ ०१/०४/१९५१
जन्म स्थान ~ महू ज़िला इन्दौर (म•प्र•) भाषा ज्ञान ~ हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत
शिक्षा ~ एम• ए• (हिन्दी और अंग्रेज़ी साहित्य), बी• एससी•, बी• एड•, एलएल•बी•, साहित्य रत्न, कोविद
कार्यक्षेत्र ~ सेवानिवृत प्राचार्य
सामाजिक गतिविधि ~ मार्गदर्शन और प्रेरणा
लेखन विधा ~ कविता,गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, दोहे तथा लघुकथा, कहानी, आलेख आदि।
प्रकाशन ~ अब तक लगभग दो दर्जन साझा काव्य संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। पांच काव्य संकलनों का संपादन किया है।
प्राप्त सम्मान-पुरस्कार ~ हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० सम्मान एवं विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थानों द्वारा अनेकानेक सम्मान व अलंकरण प्राप्त हुए हैं।
विशेष उपलब्धि ~ हिन्दी और अंग्रेजी का राज्य प्रशिक्षक तथा जूनियर रेडक्रास का राष्ट्रीय प्रशिक्षक रहे। सन्रा १९९२ में राज्यपाल से अवार्ड मिला।
लेखनी का उद्देश्य ~ राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता तथा व्यक्तिगत सर्वांगीण विकास।
पसंदीदा हिन्दी लेखक ~ शिवमंगलसिंह सुमन, दुष्यंत कुमार, नीरज
विशेषज्ञता ~ मैं सदैव स्वयं को विद्यार्थी मानता आया हूँ।
देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार ~ भारत से मैं असीम प्रेम करता हूँ। धरती पर ऐसा अद्भुत महान देश अन्यत्र नहीं। मुझे हिन्दी बोलने,पढ़ने और इस भाषा में कुछ भी लिखने में बहुत गर्व का अनुभव होता है।
मौलिकता की जिम्मेदारी ~ मैं मौलिकता को लेखन का अनिवार्य अंग मानता हूँ।


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