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मुक्त

रीमा ठाकुर
झाबुआ (मध्यप्रदेश)
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मुक्त हूँ उन्मुक्त हूँ,
मुक्तता पहचान है!
लाज से परिपूर्ण हूँ,
जो धैर्य का प्रतिमान हूँ!!

धानी रंग मे अवतरित हूँ,
जो श्रमिक का अस्तित्व है!
सबके तन की भूख हूँ,
वेदना से विषक्त हूँ!!

न समझो मै निरीह हूँ,
मेरा मनोबल शिखर पर है!
ममत्व मे मै,अबला सी हूँ,
मै सबला से धैर्यवान हूँ!!

मै कोमलता अपनो मे हूँ,
सृष्टि के लिए जो सृजन है!
मै पुरुष की भोग्या हूँ,
मै सृष्टि का अभिमान हूँ!!

परिचय :- रीमा महेंद्र सिंह ठाकुर
निवासी : झाबुआ (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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