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तकदीर

मधु टाक
इंदौर मध्य प्रदेश

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नज़रे इनायत हो तो तकदीर संवर जायेगी
आँखों के आईने में ये सूरत निखर जायेगी

इक दफा जो दूर से तू पुकार ले मुझको
जिस्म से फना होती रूह भी ठहर जायेगी

इस तरह से न देख शोख नजरों से मुझको
मेरी सांसो की चलती रफ्तार सुधर जायेगी

कभी तो पेश आ गुलों की तरह मेरे हमनवा
संग तेरे खारों की चुभन भी ईश्क़ कर जायेगी

जब भी रिश्तों का ताना बाना खुल जायेगा
घर के आँगन में फिर उदासी भर जायेगी

इन्तजार में तेरे खुद को काँधे पे लिये बैठी हूँ
इश्क के इस अंजाम से मौत भी डर जायेगी

दिल पर लगी हुई चोट भी यकीनन गहरी है
तसव्वुर से तेरे “मधु” लम्हा लम्हा भर जायेगी

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परिचय :-  मधु टाक
निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश


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