Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जंगल

**********

रीतु देवी “प्रज्ञा”
(दरभंगा बिहार)

माँ भवानी आकर अस्मत बचाओ मेरी,
दुनिया के जंगल है हैवानियतों से भरी।
थरथर कांपे तन हमेशा,
नींद उड़ी नयनों से
हर राह लगता विरान सा
जिया न लागे तेरी इस लोक में
माँ रूद्राण गले लगा लो सुता की
फुहार बरसा दो अपने ममता की
जीवन की नैया पतवार है तेरे हाथों,
रक्षा करों माँ दानवों माथों।
माँ जगदम्बा कर जोरि करती हूँ पुकार,
दिव्य ज्योत फैला जंगल बीच करो हुंकार।
माँ भवानी आकर अस्मत बचाओ मेरी,
दुनिया के जंगल है हैवानियत से भरी।

 

लेखीका परिचय :-  रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *