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उड़ान

धैर्यशील येवले
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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रुकूँगा नही आगे तो बढूंगा
आती है परेशानियां आने दो।

कभी गिरा कभी चढ़ा हूँ
मुफलिसी में पला बढ़ा हूँ
लक्ष्य जमीन पर नही
है आसमान पर कहि
तैयार भरने को उड़ान
अपनी और खिंचे आसमान
कोई छोड़े उसे छोड़ जाने दो

रुकूँगा नही आगे तो बढूंगा
आती है परेशानियां आने दो।

वक़्त बड़ा संगीन है
मुझे खुद पर यकीन है
कदम रुक नही सकते
इरादे झुक नही सकते
जो माना वो ठाना है
दुनिया को दिखाना है
मिटते है निशान मिट जाने दो

रुकूँगा नही आगे तो बढूंगा
आती है परेशानियां आने दो।

कुछ जाना कुछ पहचाना
अपना वजूद है दिखाना
इरादों ने घमासान की
नेकी ने राह आसान की
उम्मीद छोडूंगा नही
अब मुड के देखूंगा नही
निराशा जा रही उसे जाने दो

रुकूँगा नही आगे तो बढूंगा
आती है परेशानियां आने दो।

तिमिर कुछ ही पल है
रौशनी हर पल है
उजाला ऐसे जोड़ा हूँ
जुगनुओं के संग खड़ा हूँ
आये कितनी ही आफ़ते
बरस के रहेगी नेमतें
कोई आ रहा संग तो आने दो

रुकूँगा नही आगे तो बढूंगा
आती है परेशानियां आने दो।

मजलुमो से प्यार करता हूँ
दुआओ पर बसर करता हूँ
वो फन दिलेरी दिखाऊंगा
आसमान नीचे झुकाउंगा
दिन जमीन पे ढला करते है
सपने उरूज पे पला करते है
आजमाए कोई आजमाने दो

रुकूँगा नही आगे तो बढूंगा
आती है परेशानियां आने दो।।

परिचय :- धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर hindirakshak.com द्वारा हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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