Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दिलों में रहने का रास्ता ढूंढ

कालूराम अर्जुन सिंह अहिरवार
ग्राम जगमेरी तह. बैरसिया (भोपाल)

********************

दिलों में रहने का रास्ता ढूंढ
पास तो पराए भी बैठ जाते हैं
खुशबू बनकर कर महक ने की कोशिश कर
फूल तो कागज के भी खिल जाते हैं
ताउम्र साथ चलने की कोशिश कर हमसफ़र
एक मिल चलने वाले तो हजारों मिल जाते हैं
दो कदम चल कर मंजिल तक पहुंच
मुश्किलों से हार कर बैठे जाने वाले तो हजारों मिल जाते

किताबों से दिल लगा कर देखो यार
लोग तो दिल लगाने वाले लाखो
मिल जाते हैं
अपने सपनों को पूरा कर
सपने देखने वाले तो हजारों मिल जाएंगे
प्रकृति की तरह कुछ देना सीख
बाहे फैलाकर लेने वाले तो हजारों
मिल जाएंगे
स्वयं खुश रहकर औरों को हंसाने की कोशिश कर
बेवजह रुलाने वाले तो हजारों मिल जाते हैं
खुशबू बनकर महक गुलाब की तरह
फूल तो कागज के भी खिल जाते
हैं
हो सके तो सच्चा प्यार कर साथी
बेवजह धोखा देने वाले तो लाखों मिल जाते
नदी की तरह ताउम्र चल मुसाफिर
रुका हुआ तो पानी भी खराब हो जाता है
स्वयं के भीतर झांक कर तो देख
दूसरों के अंदर झांकने वाले तो लाखों मिल जाएंगे
दिल लगाकर अपना बना यार
साथ छोड़कर जाने वाले तो लाखों मिल जाते है

परिचय :- कालूराम अर्जुन सिंह अहिरवार
पिता : जालम सिंह अहिरवार
निवासी : ग्राम जगमेरी तह. बैरसिया जिला भोपाल
शिक्षा : एम.ए. हिंदी साहित्य शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय भोपाल अध्ययनरत राष्ट्रीय सेवा योजना एन.एस.एस. स्वयंसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *