Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जीवन में रंग भर जाए

अशोक पटेल “आशु”
धमतरी (छत्तीसगढ़)
********************

मैं तेरे प्यार में रंग जाऊं
होली के रंगों की तरह
मेरे जीवन में बहार आ जाए
वसन्त के ऋतु की तरह।

मैं तेरा हमसफर बन जाऊँ
बागों के बागबान की तरह
मेरा जीवन भी महक जाए
फूलों के खुशबू की तरह।

मैं तेरा सिंदूरी रंग बन जाऊँ
पलास के फूलों की तरह
मेरे जीवन मे रंग भर जाए
रंगीले फागुन की तरह।

मैं तेरा संगीत बन जाऊँ
फागों के सरगम की तरह
मेरा मन-मयूरा झूम जाए
बांवरा भ्रमरों की तरह।

मैं तेरा भ्रमर बन जाऊँ
फूलों के दीवानों की तरह
ये तनमन मदहोश हो जाए
मधु के पीने वालों की तरह।

मैं तेरा प्रेम दूत बन जाऊँ
वसन्त के कोयल की तरह
मेरे जीवन में मदहोशी आए
अमराई के बौरों की तरह।

परिचय :अशोक पटेल “आशु”
निवासी : मेघा-धमतरी (छत्तीसगढ़)
सम्प्रति : हिंदी- व्याख्याता
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *