विमल राव
भोपाल म.प्र
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नारी जीवन संघर्षो की,
उपमा नही उदाहरण हैं।
इस श्रृष्टि की भाग्य विधाता,
वह जन मानस की तारण हैं॥
उसनें हीं नींव रखी घर की
घर कों परिवार बनाया हैं।
भूली बिसरी उस अबला नें
हर संकट कों अपनाया हैं॥
त्याग दिया घर उसनें अपना
पति का संसार बसाने कों।
वो सर्वस्व लुटा बैठी हैं
अपना घर बार चलाने कों॥
उसके हीं बलिदानों से
हमनें इतिहास सजाया हैं।
माँ, बहन, बहु, बेटी, बनकर
हम पर स्नेह लुटाया हैं॥
उसका बलिदान अतुलनीय हैं
अनुपम स्वरूप हैं ममता का
वह क्षमा रूप का सागर हैं
कोई मोल नही उस क्षमता का॥
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परिचय :- विमल राव “भोपाल”
पिता – श्री प्रेमनारायण राव लेखक, एवं संगीतकार हैं इन्ही से प्रेरणा लेकर लिखना प्रारम्भ किया।
निवास – भोजपाल की नगरी (भोपाल म.प्र)
कवि, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रदेश सचिव – अ.भा.वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान म.प्र,
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