डॉ. सुभाष कुमार नौहवार
मोदीपुरम, मेरठ (उत्तर प्रदेश)
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जब डॉ. ने गर्भवती महिला को बताया कि आने वाला शिशु एक लड़की है, तब बेटे की चाह रखने वाली माँ का चेहरा उतर गया और वह उदास हो गई। इसका शिशु पर क्या असर पड़ा होगा?
सुनिए उसकी व्यथा कथा…
हे माँ! मेरे आने की आहट से तू उदास हो गई!
क्या हो गया तुझे? तू किन ख्यालों में खो गई?
अभी तो एक अनकही कहानी हूँ मैं,
तुम दोनों के प्यार की निशानी हूँ मैं ।
सोचा था कि मैं तुम्हारी तमन्ना की तान हूँ
ममता से भरी तुम्हारी लोरी का गान हूँ।
पर तुम्हारी उदासी ने मुझे आहत किया है,
रूढिवादिता का मेरे दिल पर आघात किया है।
मैं तो तुम्हारी माँ बनने की पूर्ण हुई अर्जी हूँ,
स्वयं तो कुछ नहीं मैं, ईश्वर की मर्जी हूँ।
पर माँ अब ऐसा लगता है कि
तेरी कोख भी मेरे लिए पराई है,
लोग तो क्या कहेंगे तूने तो खुद ही पूछ लिया मुझसे
कि तू इस दुनिया में क्यों आने वाली है?
पर अब क्या करूँ माँ! मैं मर भी नहीं सकती,
क्योंकि तेरी जान को खतरा है।
मत उदास हो माँ क्योंकि तेरा आँसू भी
मेरे खून का कतरा है।
एक माँ होकर तूने जीते जी मुझे मार दिया!
क्या करूँ मैं आकर? जो तूने मेरा ऐसा सत्कर किया।
होंगे समाज में चंद दरिंदे, बलात्कारी और बदनाम,
पर कोख में ही मारने वाले भी हैं अनगिनत और अनाम।
इतनी ही अनिच्छा है तो मुझे त्याग देना तत्काल,
कूड़े के ढेर से भी उठाकर ले जाएगी मुझे कोई सिंधुताई सपकाल।
सुना तो होगा न कौन है सिंधुताई सपकाल?
रूढिवादियों ने क्या किया था उसका हाल?
बेटी को जनमने के कारण ही उसे घर से दिया था निकाल।
त्याग देना मुझे भी ऐसे ही किसी तरीके से,
उठाकर ले जाएगी वो मुझे, रखेगी बड़े सलीके से।
ये समाज, वो दरिंदे और वो कूड़े का ढेर।
इनसे कम डर लगता है माँ!
अब तो मेरे लिए तेरी कोख भी सुरक्षित नहीं,
मुझे यहाँ भी डर लगता है माँ!
मुझे यहाँ भी डर लगता है माँ!
परिचय :- डॉ. सुभाष कुमार नौहवार
जन्म : ५ फरवरी १९७३
जन्म स्थान : कौलाहर (मथुरा)
निवास : मोदीपुरम (मेरठ) उत्तर प्रदेश।
शिक्षा : एम.ए हिंदी, शिक्षा शास्त्र, इतिहास, बी.एड (पी.एच.डी- निरंतर)
वर्तमान निवास : दोहा क़तर (अरब की खाड़ी)
साहित्यिक परिचय : लेखक- नई स्वाति कक्षा १-८ सरस्वती हाउस पब्लिकेशन, (एस. चाँद पब्लिकेशन) नई दिल्ली। कवि, विचारक, साहित्यकार (ब्लोग राइटर)
कार्य स्थल : वर्ष २००८ से खाड़ी के देशों में हिंदी शिक्षण कार्य में संलग्न। वर्तमान में दोहा मॉडर्न इंडियन स्कूल में बतौर विभागाध्यक्ष हिंदी के रूप में कार्यरत।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है
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