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पुण्यतिथि पिता की

सुरेश चन्द्र जोशी
विनोद नगर (दिल्ली)
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अठतीसवीं पुण्यतिथि पिता की,
गंगा तट पर याद की।
आई थी इस जन्म जयंती वर्ष में,
माताश्री भी शरण में आपकी।।
संघर्ष किया जननी ने तो,
तप- शक्ति थी आपकी।
क्यों छोड़ गए थे उस देवी को,
क्या इच्छा थी आपकी।।
हम तो दण्डित होते रहे पर,
सेवा न कर पाए आपकी।
उनको दंडित कौन करेगा,
जिसने सेवा करने दी आपकी।।
मिटा न सका कोई सिद्धांत,
सत्पथ पर चलने के आपकी।
थी इच्छा प्रबल अति शिक्षा की,
अवधारणा मन में आपकी।।
सहन न कर पाया लंपट वह,
संतति उन्नति को आपकी।
किया प्रयोग तंत्र विद्या का,
मनस्थिति कैसे बिगाड़ी आपकी।।
किया कुछ भी हो धृष्ट ने फिर भी,
वह बराबरी न कर पाया आपकी।
थे परम शिव- शक्ति उपासक आप,
वह छाया भी न था आपकी।।
आई जुलाई की तीसरी तिथि,
जो जीवन ले गई थी आपकी।
करता सुरेश जगतारिणी बन्दन,
संरक्षण हेतु माता और आपकी।।

परिचय :- सुरेश चन्द्र जोशी
शिक्षा : आचार्य, बीएड टीजीटी (संस्कृत) दिल्ली प्रशासन
निवासी : विनोद नगर (दिल्ली)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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