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पिता और बेटा

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रचयिता : सौरभ कुमार ठाकुर

मजदूरी करके भी हमको उसने पढ़ाया है।
कचौड़ी के बदले उसने सूखी रोटी खाया है।
हम पढ़-लिखकर इन्सान बनेंगे,
यह उम्मीद उसने खुद में जगाया है।
जब पिया सिगरेट बेटा, देख वह शरमाया है।
उसने नशा का मूँह ना देखा, बेटे ने शिखर आज चबाया है।
उसकी उम्मीदों का आज गला घोंट,
पता नही बेटे ने आज क्या पाया है।

परिचय :-
नाम- सौरभ कुमार ठाकुर
पिता – राम विनोद ठाकुर
माता – कामिनी देवी
पता – रतनपुरा, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार)
पेशा – १० वीं का छात्र और बाल कवि एवं लेखक
जन्मदिन – १७ मार्च २००५
देश के लोकप्रिय अखबारों एवं पत्रिकाओं में अभी तक लगभग ५० रचनाएँ प्रकाशित
सम्मान-हिंदी साहित्य मंच द्वारा अनेकों प्रतियोगिताओं में सम्मान पत्र, सास्वत रत्न, साहित्य रत्न, स्टार हिंदी बेस्ट राइटर अवार्ड – २०१९ इत्यादी।


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