सुरेश चन्द्र जोशी
विनोद नगर दिल्ली
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सनक-हिम्मतऔर अनुभव ये जीवन की तरक्की के तीन महत्वपूर्ण सूत्र हैं।
सनक आपसे वो भी करवा लेता है, जो आप नहीं कर सकते थे। अथवा ये मानते थे कि ये काम मेरी क्षमता से बाहर है और मुझसे कभी नहीं होगा। असंभव को भी संभव कर के दिखाना ये जुनून का काम है। एक विश्वविजयी सम्राट ने कभी अगर ये कहा है था कि मेरे शब्दकोष में असंभव जैसा कोई शब्द ही नहीं तो ये उसका जुनून ही था जो उसे भीतर से दुनिया को मुठ्ठी में करने का आत्मबल प्रदान कर रहा था।
हिम्मत आपसे वो करवाती है, जो आप करना चाहते हैं। जीवन में कुछ बड़ा करने का अथवा कुछ अलग करने का स्वप्न लगभग हर कोई देखता है मगर हौसले के अभाव में उनका वह महान स्वप्न भी केवल दिवास्वप्न बनकर रह जाता है। जीवन में कुछ बड़ा करने के सपने देखना भी अच्छी बात है मगर उन सपनों को साकार करने के लिए सदा प्रयत्नशील रहना उससे भी अच्छी बात है। जो लोग हौसले की ऊर्जा से भरपूर निरंतर अपने कर्तव्य पथ पर प्रयत्नशील रहते हैं, उनके महान से महान लक्ष्य भी एक दिन अवश्य पूर्ण हो जाया करते हैं।
अनुभव आपसे वो करवाता है, जो आपको करना चाहिए। हमारे लिए क्या सही होगा अथवा क्या गलत..? या किसमें हमारा हित होगा अथवा किसमें अहित..? अनुभव ही एक मात्र वो शिक्षक है, जो हमें इन सभी प्रश्नों के सबसे सटीक उत्तर दे सकता है। केवल शक्ति का होना पर्याप्त नहीं अपितु शक्ति का व्यय उचित दिशा में हो ये ज्ञान होना भी आवश्यक है।
आप अपने आप मे कहानी मत बनो कहानी के नायक बनिये जो कहानी का मुख्य बिंदु होता है। यदि नायक बनने का साहस नही तो ज़िन्दगी का नाटक मत खेलो। इस नाटक को खेलने के लिए बहुत बड़ी प्रतिभा चाहिए दुःख की बात है ये प्रतिभा हर किसी में है। किन्तु जिस व्यक्ति ने खुद को नही पहचाना वो अपने भीतर किसी प्रतिभा को भला कैसे पहचान सकता है? स्वयं को न पहचानना मनुष्य का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। इस दुर्भाग्य से छुट्टी तत्काल पाओ किसी भी कीमत पर इस दुर्भाग्य को बेच दीजिये, इसके बदले भले ही थोड़ा भाग्य मिले, थोड़ी सी खुशनसीबी मिले। यही है जीवन और यही है जीवन की मधुरम कला। ध्यान रहे दुनिया आपके निजी शोषण करके आपका खून लेमन सोडा की तरह पीने को हमेशा तैयार है। बुरा समय आपके जीवन के उन सत्यों से सामना करवाता है ,जिनकी आपने अच्छे समय में कभी कल्पना भी नहीं की होती। आपके अच्छे समय मे आप के हितैषी बहुत होंगे, लेकिन जब भी तकलीफ का समय आएगा तब कुछ चुनिंदा ही दिखेंगे, जो आप को हिम्मत देगे, आगे बढ़ने का हौसला देगे। ईश्वर ने सब की समस्या का समाधान भी दिया है, बस आप को अपने धैर्य से विवेक से परिस्थितियों को सुलझाना है, अक्सर हम दोष देने लग जाते है, वस्तुतः हमें अपनी कमियों को समझना चाहिए,
विपत्तियां कैसी भी हो कष्टदायक होती है, आज आप किसी की तकलीफ में साथ है, तो निश्चित ही आपकी मदद के लिए भी कोई साथ आएगा। एक ईश्वर पर दृढ़ता,सदैव रखे। महादेव की शरणागति के अलावा किसी अन्य मार्ग से माया को नहीं जीता जा सकता है। यह माया बड़ी प्रवल है और दूसरे हमारे साधन में निरंतरता नहीं है। लेकिन अगर महादेव की कृपा हो जाये तो काम-क्रोध और विषय-वासना से मुक्त हुआ जा सकता है।
तुम भले हो, बुरे हो, सज्जन हो, दुर्जन हो, पापी हो, पुण्यात्मा हो, कुछ मत सोचो। अपनी दुर्वलता का ज्यादा विचार करोगे तो आपके भीतर हीन भाव आ जायेगा। अपने सत्कर्मों और गुणों को ज्यादा सोचोगे तो अहम भाव आ जायेगा। बस इतना सोचो कि महादेवजी के चरण कैसे मिलें, शरण कैसे मिले, नाम जप कैसे बढे, संतों में प्रीति कैसे हो और कथा में अनुराग कैसे बढे ? यह सब हो गया तो प्रभु को आते देर ना लगेगी।
परमात्मा ने जिंदगी में एक व्यक्ति ऐसा जरूर दिया होता है जो वास्तव में हमारी देखभाल करता है…। अनुभव की अपनी महत्ता होती है, कौशल अनुभव से अर्जित किया जा सकता है, और उसे अधिक प्रगाढ़ किया जा सकता है। अनुभव एक महान विश्वविद्यालय है।
“ये बाल धूप में सफेद नहीं हुए हैं” यह अनुभव की महत्ता को बतलाने वाला मुख्य वाक्य है। इसी अनुभव के कारण ही लोकसेवक उच्च पदों में पदोन्नत किये जाते हैं जहाँ कौशल पर अनुभव को महत्व दिया जाता है, क्योंकि कौशल वाला अनुभव-हीन ब्यक्ति निर्णायक क्षणों में त्रुटि करने लगता है। अतेव अनुभव सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए और अनुभवी ब्यक्तियों का सान्निध्य परम कल्याणकारी होता है।
अनुभव हमारी शक्ति का अपव्यय रोककर उसे श्रेष्ठ मार्ग में लगाने की प्रेरणा प्रदान करता है।
शिक्षा : आचार्य, बीएड टीजीटी (संस्कृत) दिल्ली प्रशासन
निवासी : विनोद नगर दिल्ली)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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