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सबने टोका हमको

नवीन माथुर पंचोली
अमझेरा धार म.प्र.
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अक्सर सबने टोका हमको अपने हर हालातों में।
आ जाते हैं हम लोगों की चिकनी-चुपड़ी बातों में।
बात नहीं है ऐसी कोई जो हमको कमजोर करे,
लेकिन हमने मात उठाई आकर कुछ जज्बातों में।
तूफ़ानों की चर्चाएँ की समझा मेघों का गर्जन,
छतरी ताने निकले फिर भी सावन की बरसातों में।
इक जुगनू का पीछा करते रस्ता इतना पार किया,
आख़िर भटके फिर भी हम तो चाँद खिली इन रातों में।
सबका मज़ा-मज़ा था उसमें ,जाने जिस पर बीत रहीं,
हाल हमारा वैसा जैसे दूल्हों का बारातों में।
रोज़ यहाँ के लोग हमारी बेबाक़ी पर हँसते हैं,
जीभ हमेशा कट जाती है रहकर बत्तीस दाँतों में।

परिचय :- नवीन माथुर पंचोली
निवास – अमझेरा धार म.प्र.
सम्प्रति – शिक्षक
प्रकाशन – देश की विभिन्न पत्रिकाओं में गजलों का नियमित प्रकाशन, तीन ग़ज़ल सन्ग्रह प्रकाशित।
सम्मान – साहित्य गुंजन, शब्द प्रवाह, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


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