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सांवरे की सूरत आज भी

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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सांवरे की सूरत आज भी,
भक्तों को बड़ी सुहाती है,
गोपाल के खेल देख लो,
गोपिका बहुत लुभाती है।

सांवरे की सूरत आज भी,
हर जन मन बस जाती है,
कान्हा की मुरली देख लो,
ग्वालों को बहुत सुहाती है।

सांवरे की सूरत आज भी,
सुंदर सा पैगाम दे जाती है,
लाख प्रयास बेशक कर ले,
ये मौत अटल बन जाती है।

सांवरे की सूरत आज भी,
गोकुल में तुम्हें बुलाती है,
सूनी हो चुकी जो गलियां,
वो कहानी स्पष्ट सुनाती हैं।

कहीं धाम राधा कृष्ण के,
कहीं द्वापर नगरी प्यारी है,
कहीं बृज की होली खेलों,
कहीं मटकी तोड़ तैयारी है।

सांवरे की सूरत आज भी,
गोवर्धन पर्वत में मिलती,
अंगुली पर उठा लिया था,
मानव की खुशियां खिलती।

गोपियों संग में रास रसाते,
ऋषि मुनियों को वो बचाते,
सत्य का वो साथ देते सदा,
सोये हुये को वो ही जगाते।

विष्णु के अवतार निराले हैं,
द्वापर युग के रहने वाले हैं,
कोई एक माता से पलते हैं,
एक जन्म दिया एक पाले है।

सांवरे की सूरत आज भी,
मन को प्रसन्न कर जाती है,
भगवद्गीता का सार दिया,
क्षण भंगुरता को दर्शाती है।

सांवरे की सूरत आज भी,
घर घर में जगह बनाती है,
कभी दुष्ट संहार करती रहे,
कभी मन मंंदिर हँसाती हैं।

सांवरे की सूरत आज भी,
पापों को समूल मिटाती है,
अपने भक्तों के मन की वो,
पल में ही प्यास बूझाती हैॅ।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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