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पर्यावरण

हरप्रीत कौर
शाहदरा (दिल्ली)

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कोरोना हर देश में,
हर शहर में
दुनिया के हर देश में,
बरपा रहा है अपना कहर।
आक्सीजन के बिना
आदमी मर रहा है
पूरे देश में हाहाकार
मचा है चारों और
निराशा छा रही है घनघोर।
आज लोगों को
आक्सीजन का महत्व
समझ आ रहा है।
वर्षो से इंसान जिसे
मुफ्त में लेता आ रहा है।
हवा में आक्सीजन
तो पेड़ ही उपजाते है,
जो हमे प्राण वायु देते है।
खुदगर्ज इंसान उसी पर
कुल्हाड़ी चलाते है।
इस महामारी से
हमें कुछ तो शिक्षा
लेनी चाहिए।
आने वाली पीढ़ी की
प्राण रक्षा के लिए
हमें एक वृक्ष
लगाना चाहिए।
बस करो
प्रकृति का अनादर,
अब बहुत हुआ
जो हमे प्राण वायु
देते है उस पर कुछ तो रहम खाओ।
आओ ये संकल्प उठाए,
पर्यावरण को नष्ट होने से बचाएं।
प्रकृति को हरा भरा बनाएं।
हर एक दिन नया वृक्ष लगाएं।
प्रकृति ही जीवन है,
अपने जीवन को बचाएं।

परिचय :- हरप्रीत कौर
निवासी : शाहदरा (दिल्ली)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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