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अन्तर्द्वन्द

मुकेश गाडरी
घाटी राजसमंद (राजस्थान)

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उसका संघर्ष दु:ख मय हुआ होगा,
जब उसकी कड़ी मेहनत रंग लाई

प्रतिस्पर्धियों मे से आगे निकला तब
सबको जो पीछे छोड़ कर वो

मे नई -नई कल्पना करता हूँ….
क्योंकि मे अन्तर्द्वन्द मे रहता हूँ….

देश से प्यार करने वाले भगत सिंह है
जो कभी ना मोत से डरते हो

बात आए जब मातृभूमि पर
तब सामने कोंन ये कोई ना बतलाता हो

मे नई -नई कल्पना करता हूँ….
क्योंकि मे अन्तर्द्वन्द मे रहता हूँ….

कनक को आग में पीटते हैं
बना आकार अच्छा तो बिकता जो

ना तो पुनः पिट जाता हैं
हमे भी इसकी तरह बन जाना है

मे नई -नई कल्पना करता हूँ….
क्योंकि मे अन्तर्द्वन्द मे रहता हूँ..

परिचय :- मुकेश गाडरी
शिक्षा : १२वीं वाणिज्य
निवासी : घाटी (राजसमंद) राजस्थान
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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