धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)
********************
जो है, मेरे घर की छत
वही है ,दीवारें मेरे घर की
इसे कहते है,
आकाश,
यही तो मेरा घर है।
ये वृक्ष, पशु, पक्षी
निर्भय हो विचरते है
निकलते है
नवांकुर मेरी
कोख से
भर देती हूँ उसमे मैं
रंग, स्वाद, रस, और गंध
सब कुछ है, लयबद्ध
मुझे इससे प्यार है
यही तो मेरा घर है।
धवल शिखरों
से मंडित
सागरो से सुशोभित
गगन चुम्बी देवदार
विशाल बांहे
मखमली दूब का
गुदगुदाना
ओंस की बूंदे
मेरी पलको पर
रुकती कहा है
सभी की शरारतें
बरकरार है,
यही तो मेरा घर है।
बस थोड़ा उद्दंड
हो गया है मानव
मनमानी पर उतरा है
उसे अपनी भूल का
भान करा कर
मैंने उसका पंख कुतरा है।
बेसुरा कैसे गाने दूंगी
मिलाना उसे भी सुर है
यही तो मेरा घर है।
सूर्य, चंद्रमा, तारे
मैंने छत पर सज़ा रखे है
कभी उजले कभी गहरे
होते मेरे परिधान है
जन्म, मृत्यु का भी फेर है
यही तो मेरा घर है।
.
परिचय :-
नाम : धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
सम्मान – हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिंदी रक्षक २०२० सम्मान
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻 hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…