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कर्तव्य पथ …

वीणा वैष्णव
कांकरोली

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मनुष्य जन्म मिला, सार्थक कर।
कर्तव्य पथ पर, सदा आगे बढ।।

हो सके उतना, कर्तव्य निभा।
श्रवण रह, कंस कभी ना बन ।।

नींव पत्थर, दीवार मजबूत कर।
संस्कारवान बन, फर्ज निभा।।

कर्तव्य मार्ग, विपत्ति विघ्न।
साहस धैर्य से, तू काम कर।।

बाधा हर, नया सृजन कर।
इरादे मजबूत रख, जीत जंग।।

देश हित, जीवन समर्पण कर।
कायर भांति, खामोश ना रह।।

निस्वार्थ रह, पर हित कार्य कर।
कर्तव्य पथ से, ना भटका कर।।

राह दिखा, मार्ग प्रशस्त कर।
कर्म पथ, सदा हो अग्रसर।।

आदर्श श्रवण, जीवन सफल।
जग ना भूले, नित कार्य कर।।

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परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।


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