Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सपने सजने लगे

बबली राठौर
पृथ्वीपुर टीकमगढ़ (म.प्र.)

********************

धीरे-धीरे हौले-हौले
हवा के झोके चलते रहे
खुशी के पैगाम दिल में लिए
हम मन के दामन समेटने लगे
सपने सजने लगे।

चाँद तारो की चादर ओढ़कर
उनकी बातें अमल करने लगे
खुशी के पैगाम लिए
हम तकदीर पढ़ने लगे
सपने सजने लगे

शाम ढली रात आई लम्हों की
ख्वाब सजे थे दिल में मेरे
खुशी अपनी पहलू में लिए
हम हाथ की लकीरें पढ़ने लगे
सपने सजने लगे।

जिन्दगी की जब सुबह आई
हम अपनी धुन में मग्न रहे
खुशी का सावन लिए
हम अरमान ले बरसने लगे
सपने सजने लगे

दिन गुजरे साल गए
गुलिशता में फूल खिले
खुशी का एहसास लिए
हम जिन्दगी के मायने पढ़ने लगे
सपने सजने लगे

परिचय :- बबली राठौर
निवासी – पृथ्वीपुर टीकमगढ़ म.प्र.
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *