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अर्थ नहीं समझ वो …

वीणा वैष्णव
कांकरोली

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अर्थ नहीं समझ, वो गलत अर्थ लगाते हैं।
सोच के अनुरूप, अपना दिमाग चलाते हैं।।

अर्थ बिना सब व्यर्थ, समझ नहीं पाते हैं।
बिन कही बात का भी, अर्थ वो लगाते हैं।।

राग द्वेष सब, इसी वजहसे पैदा होते हैं।
अर्थ का अनर्थ कर, अपनों से दूर जाते हैं।।

अर्थ गागर में सागर भर, यश को पाते हैं।
समझदार ही, इस भाषा को समझ पाते हैं।।

बाकी सब विवेकानुसार, अर्थ लगाते हैं।
मन मोती संग, इच्छानुसार माला पिरोते हैं।।

सकारात्मक सोच अपना, सही अर्थ लगाते हैं।
इंसान वास्तव में, वही पूज्य बन जाते हैं।।

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परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।


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