Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

डरो नहीं

श्रीमती मीना गोदरे ‘अवनि’
इंदौर म. प्र.

********************

कोरोना जग में घूम रहा है
हिंसक क्रूर छली कपटी को,
डसने पल-पल घूर रहा है
चुन चुन दुश्मन मार रहा है

डरो नहीं अहिंसक भोले मानव
तुम्हारे पास कभी न आएगा
नहीं बिगाड़ा तुमने कुछ उसका
क्यों तुमको को डसने आएगा

बुद्धिमान है वह इंसानो से
बिन बात नहीं कुछ करता है
सहता रहा अन्याय बरसों तक
ललकारा जब, पानी सरसे उतरा है।

.

परिचय :-
नाम – श्रीमती मीना गोदरे ‘अवनि’
शिक्षा – एम.ए.अर्थशास्त्र, डिप्लोमा इन संस्कृत, एन सी सी कैडेट कोर सागर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय
दार्शनिक शिक्षा – जैन दर्शन के प्रथम से चतुर्थ भाग सामान्य एवं जयपुर के उत्तीर्ण छहढाला, रत्नकरंड – श्रावकाचार, मोक्ष शास्त्र की विधिवत परीक्षाएं उत्तीर्ण अन्य शास्त्र अध्ययन
न्य प्रशिक्षण – फैशन डिजाइनिंग टेक्सटाइल प्रिंटिंग, हैंडीक्राफ्ट ब्यूटीशियन, बेकरी प्रशिक्षण आदि
सामाजिक क्षेत्र – संस्थापिका सद्भावना महिला मंडल
पूर्व अध्यक्ष – १ इनरव्हील क्लब रोटरी २ -सदभावना महिला मंडल सागर ३ – अखिल भारतीय दिगंबर जैन महिला परिषद इसके अलावा उपभोक्ता फोरम रेड क्रॉस सोसोइटी आदि अनेक सामाजिक संस्थाओं की सदस्य
पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ प्रेसीडेंट पुरस्कार इनरव्हील क्लब, सर्वश्रेष्ठ प्रेसीडेंट सद्भावना महिला मंडल पुरुस्कार, सर्वोत्कृष्ट प्रेसिडेंट अखिल भारतीय दिगंबर जैन महिला परिषद, कनाडा से बेस्ट इम्यूनाइजेशन अवार्ड, साक्षरता कार्यक्रम चलाने में सागर में प्रथम आने पर स्थानीय कलेक्टर द्वारा शिक्षा सम्मान प्राप्त हुआ
वर्तमान पद – प्रांतीय सह सचिव, अखिल भारतीय दिगंबर जैन महिला परिषद
आजीवन सदस्य – कुंद कुंद ज्ञानपीठ इंदौर
सदस्य – विश्व मैत्री मंच, साहित्य संस्था भोपाल, इंदौर लेखिका संघ
सह संपादक – अंतर्राष्ट्रीय पञिका – ‘हिंदी सागर ” जे. एम. डी .पब्लिकेशन दिल्ली
साहित्य सृजन – आकाशवाणी सागर छतरपुर से कहानी कविता गीत गजलें निबंध का प्रसारण १८ वर्षों तक, इंदौर आकाशवाणी से कहानी का प्रसारण, यू – ट्यूब पर वीडियो पर गीत का प्रसारण माया क्रिएशन मुंबई द्वारा, भोपाल दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण
ई पत्रिकाओं में प्रकाशन – ई कल्पना ब्लॉक पर कहानी, शब्दांकन बेव, ग्लोबल हिंदी, हिंदी रचना संसार, बेवसाइड पर कहानियों का प्रकाशन सृजन सरोकार व हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित हिंदी उन्नयन संस्थान पर निरंतर रचनाओं का प्रकाशन, यश धारा पत्रिका राइजिंग स्टार ओजस्विनी मुक्ता सरिता दर्पणआदि नई दुनियॉ ,दैनिक भास्कर में पाठकों की अदालत में निरंतर टिप्पणियों का प्रकाशन, प्रतिक्रिया ,दैनिक आचरण पेपर में अनेकों रचनाओं का निरंतर प्रकाशन इसके अलावा दिल्ली से प्रकाशित पुस्तको यथा- भारत के श्रेष्ठ कवि एवं कवयित्रियां नारी चेतना की आवाज, श्रेष्ठ काव्य माला, श्रेष्ठ काव्य संग्रह, उन्नीसवीं सदी के श्रेष्ठ कवि एवं कवित्री, प्रेम काव्य संग्रह, साहित्य सागर, साहित्य सरस्वती, संस्कार सागर आदि पुस्तकों में रचनाओं का प्रकाशन
समीक्षाएं पुस्तक – “स्वर्ग का द्वार” (डॉ विनय षडंगी), “मॉ” पुस्तक – (डॉ सरोज गुप्ता)
विरिष्ठ साहित्यकार निर्मल चंद निर्मलचंद जी निर्मल की छै पुस्तकों की समग्र समीक्षा की, तीन पुस्तकों का प्रकाशन- काव्य संग्रह – गुलदस्ता, समुद्र के सीप, गीत संग्रह- आस्था के पुंज्ज
साहित्यक पुरुस्कार – दैनिक भास्कर भोपाल द्वारा दो बार आर्टिकल हेतु पुरस्कृत, स्लोगन प्रतियोगिता में प्रांतीय पुरस्कार, हिंदी के प्रचार प्रसार को बढाने हेतु जे. एम .डी .पब्लिकेशन दिल्ली द्वारा, काव्य- श्री सम्मान, नारी गौरव सम्मान, शब्द शिल्पी सम्मान, प्रेम- काव्य सागर सम्मान, विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा -हिंदी सागर सम्मान, भिलाई साहित्यपरिषद द्वारा -हिंदी सेवा सम्मान, मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा भाषा सारथी सम्मान,श्यामलम कला संस्थान सागर द्वारा पुस्तक प्रकाशन पर सम्मान, तीनो पुस्तकों के प्रकाशन पर जैन महिला परिषद के अलावा अनेकों संस्थाओं द्वारा सम्मानित
प्रकाशनार्थ – दो गजल संग्रह, दो कहानी संग्रह दोहावली कावय संग्रह व निबंध संग्रह तैयार है …


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *