रजनी गुप्ता “पूनम”
लखनऊ
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धारण कर लो फिर गरल, शिवशंकर भगवान।
धरती कर दो फिर धवल, शिवशंकर भगवान।।
भस्मासुर के राज में, जीना था दुश्वार।
जीवन कर दो फिर सरल, शिवशंकर भगवान।
गाता जग गुणगान है, त्रयंबकं यह रूप।
मानस कर दो फिर तरल, शिवशंकर भगवान।।
चंद्र सुशोभित माथ पर, डम-डम-डमरू हाथ।
तांडव कर दो फिर अमल, शिवशंकर भगवान।।
गण-गणपति-गौरादि अरु, सजते भूत-भभूत।
जागृत कर दो फिर अनल, शिवशंकर भगवान।।
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परिचय : पूनम गुप्ता
साहित्यिक नाम :- रजनी गुप्ता ‘पूनम’
पिता :- श्री रामचंद्र गुप्ता
पति :- श्री संजय गुप्ता
जन्मतिथि :- १६ जुलाई १९६७
शिक्षा :- एम.ए. बीएड
व्यवसाय :- गृहणी
प्रकाशन :- हिंदी रक्षक मंच इंदौर म.प्र. के hindirakshak.com पर रचना प्रकाशन के साथ ही कतिपय पत्रिकाओं में कुछ रचनाओं का प्रकाशन हुआ है
सम्मान :- समूहों द्वारा विजेता घोषित किया जाता रहा है। दो बार नागरिक अभिनंदन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मंचों पर काव्य-पाठ व लघुकथा का पाठन करती रहती हूँ। सांस्कृतिक एवं सामाजिक योगदान हेतु सम्मान-पत्र प्रदान किया गया है। विद्यालय के समय भी अनेक पुरस्कार मिले हैं।
रचना की विधा :- अधिकतर दोहा सृजन, छंदमुक्त कविताएँ, मुक्तक, दोहा, गजल, लघुकथा, संस्मरण आदि…. सर्वाधिकार सुरक्षित
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