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डॉक्टर

मनोरमा जोशी
इंदौर म.प्र.

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डॉक्टर की एक मुस्कान,
आधे रोग का निदान।
डॉक्टर का हम पर बड़ा
ऐहसास,
हमें देता है जीवन दान,
वो देता है खुशी और हम
लूटते है उनकी खुशी।
उनका ऐशो आराम,
परिवार के साथ बिताने,
का अवसर,
पहुँचते है वक्त बेक्त कभी भी,
वो निभाता है अपना कर्तव्य।
लगती हैं कोई चोट,
वह पहन आता है सफेद कोट,
मारने वाले से बचाने वाला बड़ा,
अस्पताल में डाक्टर खड़ा।
मरीजों की सेवा मे सलंग्न।
पत्नी की अपेक्षा
बच्चों का जन्मदिन छोड़,
हमारी सेवा में फर्ज निभाता।
न डर न परवाह
कितना महान कर्मवीर योद्धा।
हम पर बड़ा उपकार,
हम करें उनका सतकार।
उनकी सेवा त्याग तपस्या को,
शत शत प्रणाम।

 

परिचय :-  श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है।
शिक्षा – स्नातकोत्तर और संगीत है।
कार्यक्षेत्र – सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान, हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक, मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है। कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। आपकी रचनाएँ हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) व एक काव्य संग्रह में प्रकाशित हुई है।
उद्घोषणा : यह प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।

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