रीतु देवी “प्रज्ञा”
(दरभंगा बिहार)
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भूल मत जाना बहना को भैया,
छोड़ बाबुल घर, चहकने चली आँगन सैंया।
राखी की डोर याद रखना सदा
दिल से निकाल कर मत देना सजा
बहना की सुध-बुध लेते रहना कभी-कभी
दुआ है ईश्वर से खुशी मिले तुम्हें सभी।
भूल मत जाना बहना को भैया,
रक्षा करना हरदम मेरी डूबती नैया।
एक ही आरजू करती है बहना प्यारी
स्नेह की वर्षा करते रहना शीश पर हमारी
खो मत जाना धन की अंधी गलियों में
बँध कर रहना अनोखे भाई-बहन रिश्तों में
भूल मत जाना बहना को भैया,
छोड़ बाबुल घर चहकने चली आँगन सैंया।
लेखीका परिचय :- रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार
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