Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

धरा बचाओं-जीवन बचाओं (पृथ्वी दिवस विशेष)

रचयिता : शिवांकित तिवारी “शिवा”

===========================================================================================================

धरा बचाओं-जीवन बचाओं (पृथ्वी दिवस विशेष)

         आज हमारी धरती माँ का दिन है यानि “विश्व पृथ्वी दिवस” – जिस धरा पर हमारा जन्म होता है और जन्म से लेकर मृत्यु तक का सम्पूर्ण समय हम इसी पावन पुनीत धरा पर व्यतीत करते है। यह हमारे जीवन की सबसे अनमोल धरोहर है और सबसे पवित्र स्थान है। जिस प्रकार माँ नौ महीने कोख में रख कर हमें जीवन देती है और हमारे जीवन का संरक्षण करती है उसी तरह धरती माँ हमारे सारे जीवन को सदैव संरक्षण प्रदान करती है।
हमारे जीने के लिये आश्रय स्थान,खाने के अनाज और जीवन-यापन के लिये जो भी आवश्यक वस्तुयें चाहिये वह समस्त वस्तुयें इस धरा से ही प्राप्त होती हैं।
यदि इस धरती में रहकर हम इसको बचाने के लिये जागरुक नहीं है इसका संरक्षण नही कर पा रहे है तो हमारे ऊपर एक कर्ज जीवन भर शेष रहता है क्योंकि जीवन भी हमारा इसी धरा पर होता है और हमारा अन्तिम संस्कार भी इसी धरा पर होता है।
वो कहते है न कि मिट्टी में पैदा हुआ,मिट्टी में पला बढ़ा और अन्त में मिट्टी में ही मिल गया।
कितनी तरक्की कर ली है हमने इसी धरा पर रहकर मगर कभी भी इस धरा को बचाने का प्रयास तक नहीं किया।
दिनों-दिन इस धरती पर खतरा मंडरा रहा है,धरा गर्त की ओर जा रही है। लगातार जंगल के जंगल साफ किये जा रहे है,पेड़ों की अधाधुंध कटाई की जा रही हैं। जंगलों में फैक्ट्रियाँ स्थापित की जा रही है। पर्यावरण को लगातार क्षति पहुँच रही है। यहाँ हम अपने निजी स्वार्थवश पृथ्वी और पर्यावरणीय सम्पत्तियों को नष्ट करने में तुले हुये है।
हम ये भूल रहे है की हमारा जीवन इनसे ही है और हमारे लिये ये हमारी साँसो की तरह आवश्यक है,तो यदि हम जीवन बचाना चाहते है और इस धरा को प्रदूषण मुक्त बनाना चाहते हैं तो हमें इन्हें बचाना होगा इनका संरक्षण पूरी युक्ति और तल्लीनता से करना होगा तभी हम शुध्दतापूर्वक साँस ले पायेगे और सुरक्षित जीवन जी सकेगें।
याद रखिये अगर धरा सुरक्षित है तभी हमारा जीवन सुरक्षित है। तो आप सभी जागरुकता से इसको बचाने की कवायद में जुट जाये और ज्यादा नहीं प्रतिवर्ष अपने और अपने परिवार के समस्त सदस्यों के जन्मदिवस पर एक पेड़ अवश्य लगायें और उसे संरक्षित रखनें का संकल्प ले यह एक छोटा सा प्रयास जिससे हमारे पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित किया जा सकता है।
और यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। अगर हम सभी जागरुक है तभी हमारी धरोहरें सुरक्षित रह सकेगी।
एक प्रयास धरती बचाने का-
“सुरक्षित धरा-सुरक्षित जीवन
संरक्षित धरा-संरक्षित जीवन”
“हमें बचाना है पृथ्वी सब ले मिलकर संकल्प ।
वर्ना जीने का इस धरती पर कोई नही विकल्प ।।”

लेखक परिचय :- शिवांकित तिवारी “शिवा” युवा कवि, लेखक एवं प्रेरक सतना (म.प्र.) शिवांकित तिवारी का उपनाम ‘शिवा’ है। जन्म तारीख १ जनवरी १९९९ और जन्म स्थान-ग्राम-बिधुई खुर्द (जिला-सतना,म.प्र.) है। वर्तमान में जबलपुर (मध्यप्रदेश) में बसेरा है। आपने कक्षा १२ वीं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है, और जबलपुर से आयुर्वेद चिकित्सक की पढ़ाई जारी है। विद्यार्थी के रुप में कार्यरत होकर सामाजिक गतिविधि के निमित्त कुछ मित्रों के साथ संस्था शुरू की है, जो गरीब बच्चों की पढ़ाई, प्रबंधन, असहायों को रोजगार के अवसर, गरीब बहनों के विवाह में सहयोग, बुजुर्गों को आश्रय स्थान एवं रखरखाव की जिम्मेदारी आदि कार्य में सक्रिय हैं। आपकी लेखन विधा मूलतः काव्य तथा लेख है, जबकि ग़ज़ल लेखन पर प्रयासरत हैं। भाषा ज्ञान हिन्दी का है, और यही इनका सर्वस्व है। प्रकाशन के अंतर्गत किताब का कार्य जारी है। शौकिया लेखक होकर हिन्दी से प्यार निभाने वाले शिवा की रचनाओं को कई क्षेत्रीय पत्र-पत्रिकाओं तथा ऑनलाइन पत्रिकाओं में भी स्थान मिला है। इनको प्राप्त सम्मान में-‘हिन्दी का भक्त’ सर्वोच्च सम्मान एवं ‘हिन्दुस्तान महान है’ प्रथम सम्मान प्रमुख है। आप ब्लॉग पर भी लिखते हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-भारत भूमि में पैदा होकर माँ हिन्दी का आश्रय पाना ही है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-बस हिन्दी को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठता की श्रेणी में पहला स्थान दिलाना एवं माँ हिन्दी को ही आराध्यता के साथ व्यक्त कराना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-माँ हिन्दी, माँ शारदे, और बड़े भाई पं. अभिलाष तिवारी है। इनकी विशेषज्ञता-प्रेरणास्पद वक्ता, युवा कवि, सूत्रधार और हास्य अभिनय में है। बात की जाए रुचि की तो, कविता, लेख, पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ना, प्रेरणादायी व्याख्यान देना, कवि सम्मेलन में शामिल होना, और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर ध्यान देना है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *