डॉ. पंकजवासिनी
पटना (बिहार)
********************
भाषाओं के नभ में शोभित
शशि-सम तेजस्विनी हिंदीसंस्कृत इसकी दिव्य जननी
यशश्विनी इ दुहिता हिंदीराष्ट्र की संस्कृति-वाहक
भारत की सिरमौर हिंदीसरस्वती वीणा से झंकृत
देववाणी है यह हिंदीव्याकरण इस का वैज्ञानिक
परिष्कृत प्रांजल है हिंदीहर अभिव्यक्ति में सक्षम सशक्त
सरल संप्रेषणीय हिंदीस्वर-व्यंजनों से सुसज्जित
अयोगवाह अलंकृत हिंदीरस छंद अलंकार से मंडित
बह चली सुर-सरिता हिंदीविश्वस्तरीय औ कालजयी
साहित्य-सृजन-सक्षम हिंदीतुलसी सूर मीरा निराला
के हृदय की रानी हिंदीहिंद की साँस में बसती यह
जन जन की प्यारी हिंदीकश्मीर से कन्याकुमारी
श्वास-श्वास-बसी हिंदीबहुभाषा भाषी हैं हम, तो
सबको मान देती हिंदीसभी भाषाओं को एक ही
सूत्र में पिरोती हिंदीदोनों ही बाँहें फैलाए
सभी को अपनाती हिंदीअंँग्रेजी उर्दू सब बोली को
बिन दुर्भावना वरे हिंदीसबकी है यह राज दुलारी
मन पर राज करती हिंदीसबके मन को भाती है यह
गुड़-सी मीठी लगे हिंदीसबकी है आत्मीया बड़ी
धमनियों में बसी इ हिंदीहिंदी है उत्थान देश का
राष्ट्र का कल्याण हिंदीहमें गौरव दिलायगी यही
हमारी त पहचान हिंदीअति स्वर्णिम है इसका भविष्य
विश्व पाँव पसारे हिंदीआज देश विदेश में चहुँदिशि
डंका बजा रही इ हिंदीभारत-भाल की दीप्त बिंदी
भाषा-गौरव-शिखर हिंदीविश्व की भाषा में पा गई
सर्व प्रथम स्थान हिंदीविश्व पटल किए आच्छादित
पा रही भव-प्यार हिंदी
परिचय : डॉ. पंकजवासिनी
सम्प्रति : असिस्टेंट प्रोफेसर भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय
निवासी : पटना (बिहार)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻