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गरीबी की परिभाषा

संजय जैन
मुंबई

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गरीबी क्या होते है
किसी किसान से पूछो।
ये वो शख्स होता है
जो खाने देता अन्य।
परन्तु इसकी झोली में
नहीं आता उसका हक।
इसलिए यही से गरीबी का
खेल शुरू हो जाता है।।

कड़ी मेहनत और लगन से
किसानी वो करते है।
कितना पैसा और समय
वो इस पर लगाते है।
और फल के लिए वो
भगवान पर निर्भर होते है।
और गरीबी अमीरी का निर्णय
फसल आने पर होता है।।

मेहनत और काम ही
इन का लक्ष्य होता है।
उसी के बदले में जो
कुछ इन्हें मिलता है।
उसे इनका जीवन
यापन चलता है।
अब निर्णय आपको करना है
की ये गरीब है या…..।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ – साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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