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बेटी

मनीषा जोशी
खोपोली (महाराष्ट्र)

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आज बाबूजी बहुत ही उदास और अनमने से थे। उन्हें अपनी पत्नि सुमित्रा की बहुत याद आ रहा थी। उनके जन्मदिन पर वह उनकी पसंद के तरह तरह के व्यंजन बनाती थी। सुबह से शाम होने आयी किसी ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई नहीं दी। यही सोच रहे थे तभी उनकी बेटी स्मिता का फोन आया। जन्मदिन की बधाई बाबूजी, बाबूजी खुश हो कर बोले अरे बेटा तुझे याद था मेरा जन्मदिन तभी बहू ने आकर सुना और कहने लगी उम्र हो गयी है और इन्हे इस बुढ़ापे में भी जन्मदिन मनाना है। बाबूजी सोचने लगे बेटी दूर होकर भी कितने पास है। यह वही बेटी है जिसे हम जन्म से पहले मार देना चाहते थे।
बाबूजी की पलकों से आँसू छलक उठे।

परिचय : मनीषा जोशी
निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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