Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बेटी

डॉ. बी.के. दीक्षित
इंदौर (म.प्र.)

********************

अंतर्मन के इक कोने में ….. उसे बिठाकर रखा है।
बेटी है तीरथ चारधाम, मंदिर मस्ज़िद मक्का है।

शब्द शब्द बेटी बन जाता … भाषा भाव मनोहारी।
दिल धड़कन में रहती है, उपवन की है हरियाली।

परिवर्तन की आँधी में, माँ तो उसकी डरने लगती।
बेटी है इक मंत्र सरीखी, ह्रदय पीर हरने लगती ।

उच्च मानकों का संबोधन, सर्वोत्तम होती है बेटी।
घर वो कभी स्वर्ग नहीं होता, जहाँ नहीं होती बेटी।

दो कुल की इज़्जत, मर्यादा,बेटी क़िस्मत होती है।
कष्ट ज़माने भर के हों, कभी न विचलित होती है।

जिस कमरे में बचपन बीता, रोकर जहाँ हँसी बेटी।
मंदिर एक बना देना…..उस जगह जहाँ खेली बेटी।

सभी खिलौने बचपन के, मुस्काते हैं बनकर बेटी।
गुड्डे गुड़िया चीता भालू, सब कहते खुद को हैं बेटी।

पेन, पेंसिल, रबर सॉफ़्नर, बेग, अनछुए आदि-आदि।
वक़्त मिले चर्चा कर लेना, सोए ना होंगे कई रात।

होंगे रखे अलमारी में, वो प्रशस्ति पत्र विद्यालय के।
तुम्हें तसल्ली दे सकते …… ये ग्रँथ लगें देवालय के।

नन्हें नन्हें हाथों से, ग़र लिखी लिखावट हो कोई।
तस्वीर ह्रदय में हो अंकित, पापा की बाहों में सोई।

स्कूटर दौड़ाने की ज़िद … कई बार तो की होगी।
कंधे पर झूली थी, वो तस्वीर नहीं तो ली होगी?

मेरे पापा सबसे अच्छे, चिल्लाकर हमें बताती थी।
बदले में ढ़ेरों चॉकलेट, ख़ाकर बहुत रिझाती थी।

नहीं लगाते आज फोन, कविता बेटी पर होने दो।
है रात यहाँ यादों वाली ….. वहाँ सवेरा होने दो।

 

परिचय :- डॉ. बी.के. दीक्षित (बिजू) आपका मूल निवास फ़र्रुख़ाबाद उ.प्र. है आपकी शिक्षा कानपुर में ग्रहण की व् आप गत ३६ वर्ष से इंदौर में निवास कर रहे हैं आप मंचीय कवि, लेखक, अधिमान्य पत्रकार और संभावना क्लब के अध्यक्ष हैं, महाप्रबंधक मार्केटिंग सोमैया ग्रुप एवं अवध समाज साहित्यक संगठन के उपाध्यक्ष भी हैं।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *