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आर पार की लड़ाई

संजय जैन
मुंबई

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मेहनत करे किसान
पर मलाई हमें चाहिए।
खेत बिके या बिके गहने
उसे हमको क्या लेने-देने।
हमको तो उसकी फसल
बिन मोल चाहिए।
और हमे कमाने का
मौका हमेशा चाहिए।
फर्ज उसका खेती करना
तो वो खेती करे।
हमको करना है धन्धा
तो हम लूटेंगे उसे।।

होता आ रहा है
यही अपने देश में।
तो क्यों हम बदले
अपनी परंपराओ को।
बात बहुत सीधी है
जरा तुम समझ लो।
तुम हो किसान तो
दिलसे खेती करो।
ऋण में पैदा होते हो
ऋण में ही मरते हो।
पर फिर भी खेती
खुशी खुशी करते हो।।

फिर क्यों उलझ रहे हो
देश की सरकार से।
जो खुदको बेच चुकी
पूंजीपतियों के हाथो में।
अब सरकार का भी
हाल किसानो जैसा होगा।
न जी पायेंगी न मर पायेंगी
कठपुतली बनकर रह जायेगी।
क्योंकि इतिहास अपने आपको
फिर से दोहरायेगा।
और देश अपनी पराम्पराओ को
कैसे भूल पायेगा।।

चुनावो में पूंजीपतियों
के पीछे दौड़ लगाएंगे।
और फिर इन के
गुलाम बन जायेंगे।
फिर क्या मंत्री-संत्री आदि
इनके पीछे दुम हिलायेंगे।
और इनकी गोद में
सिर रखकर सो जायेंगे।
फिर पांच वर्षो तक
सिर नहीं उठा पाएंगे।
अब ये किसानो को भी
गुलाम बनाना चाहते है।।

पर बात किसानो के
दिल को चुभ गई।
और तोतों की जान
किसानो के हाथो में फस गई।
क्योंकि समय ने अब
मानो करवट बदली है।
इसलिए सरकार और
पूंजीपतियों की जान।
अब देश के किसानो
के पास फस गई है।।

एक तरफ कुआँ है
तो दुसरी खाई है।
निकलने की कोई भी
युक्ति काम नहीं आ रही है।
इसलिए हर कदम पर दाव
फैल होता जा रहा है।
इस बार पाला सरकार का
किसानो से जो पड़ा है।
जो देश को अन्न देता है
चाहे खुद भूखा सोता है।
पर बात आ गई है
अब अपने अस्तत्व की।
तो कैसे हट जायेंगे
अब वो मैदान से।।

अब तो विश्व की नजरे
लगी है भारत के पर।
देखो अब आगे क्या
समय खेल दिखता है।
किस की नयैया पार लगवाता है
और किसको डूबोता है।
ये तो अब हम सबको
आने वाला वक्त बतलायेगा।
आरपार की इस लड़ाई में
क्या रंग दिखायेगा किसान।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ-साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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