Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

पल  में  रच  दिया  संसार को 

========================

रचयिता : मुनव्वर अली ताज

जिस  ने  पल  में  रच  दिया  संसार को
पूजिए    उस     एक     रचनाकार   को

वो   ही     जाने   आत्मा    के   भार को
जिस  ने   बाँटा   साँस   के  उपहार  को

जो   भी    मानेगा    तिरे      आभार को
वो    ही     जानेगा   जगत   निस्सार को

वो    शिलाओं  में   समा    सकता   नहीं
कैसे   दें       आकार   निर – आकार  को

बंद        कर लो अपने   नयनों के  कपाट
और      खोलो  अपने     मन के द्वार  को

तुम  हृदय   से   माँग  लो  उस  से     क्षमा
मोड़    देगा    वो समय     की   धार   को

जो   वो   चाहेगा    वही       होगा      सदा
कौन     रोकेगा    भला      करतार      को

है   सफलता    उस के  चरणों में  ही ‘ताज’
ले  चलो   उस की   शरण    में  हार     को

 

लेखक का परिचय :- मुनव्वर अली ताज उज्जैन


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *