Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

तृष्णा

निर्मल कुमार पीरिया
इंदौर (मध्य प्रदेश)

********************

खिलना चाहता हूँ मैं भी,
पर गमलो में उगे पौधों,
की तरह की नही,
ख्वाहिश है जंगलों-सी फैलने की,
ना कोई ओर ना छोर कोई,
शांत योगी से, फुसफुसाते हवा सँग,
उगना चाहता हूँ, बरगद की तरह,
सुनता पंछियों की कलरव, झांकते
नीड़ से पांखी, देते सुकू पथिक को,
जो भर दे साँसे जहाँ में…
चहचहाना चाहता हूँ,
चिड़ियों की मानिद, जी भर,
उड़ना चाहता हूँ, परिंदों के सँग,
पींगें भरता, जमी ओ आसमा के,
मिलन-रेखा तक…
महकना चाहता हूं,
फूल बहार की तरह नही,
स्वच्छंद बेलो की तरह
टेसू, कचनार ओ अमराइयों की तरह…
बहना चाहता हूँ,
पर नदी की नही,
सागर ओ झरनों के मानिद,
चट्टानों को चीरती, बन्धनों को तोड़ती
उन्मुक्त, बेखौफ लहरों की तरह,
थाह लेना चाहता हूँ,
अंनत मन की गहराईयों तक…
बरसना चाहता हूँ,
पर बदली सा नही
सावन की झड़ी सा,
तपती धरा पर, बंजर जमी पर,
सूखे अधरों पे, प्यासे मरु पर…
नित नये परिदृश्य में,
हिलोरें लेती है अंतर्मन में
इच्छाए, टकराती है किनारों से,
दम दौड़ती, पुनःभागती है किनारों को,
बनने और मिटने का अंतहीन क्रम
बस यूं ही चलता रहता है,
कस्तूरी सी अबुझ प्यास यही शायद…

.

परिचय :- निर्मल कुमार पीरिया
शिक्षा : बी.एस. एम्.ए
सम्प्रति : मैनेजर कमर्शियल व्हीकल लि.
निवासी : इंदौर, (म.प्र.)
शपथ : मेरी कविताएँ और गजल पूर्णतः मौलिक, स्वरचित और अप्रकाशित हैं


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻 hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *