
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, म.प्र.
********************
आँखों से जग देखते, हैं आँखें वरदान।
आँखों में संवेदना, आँखों में अभिमान।।आँखें करुणामय दिखें, जबआँखों में नीर।
आँखों में अभिव्यक्त हो, औरों के हित पीर।।आँखों में गंभीरता, और कुटिलता ख़ूब।
आँखों में उगती सतत, पावन-नेहिल दूब।।आँखें आँखों से करें, चुपके से संवाद।
उर हो जाते उस घड़ी, सचमुच में आबाद।।आँखें नित सच बोलतीं, दिखता नहीं असत्य।
आँखों के आवेग में, छिपा एक आदित्य।।आँखों में रिश्ता दिखे, आँखों में अहसास।
आँखों में ही आस हो, आँखों में विश्वास।।आँखों में संवेदना, आँखों में अनुबंध।
आँखों-आँखों से बनें, नित नूतन संबंध।।आँखों से ही क्रूरता, आँखों से अनुराग।
आँखों से अपनत्व के, गुंजित होते राग।।आँखें पीड़ा,दर्द के, गाती हैं जब गीत।
अश्रु झलकते, तब रचे शोक भरा संगीत।।आँखें गढ़तीं मान को, आँखें ही अपमान।
आँखों की भाषा पढ़े, वह नर बहुत सुजान।।आँखों में छिपकर रहें, जाने कितने राज़।
आँखें हैं यदि ज्योति बिन, तो नर बिन सुर,साज़।।आँखों में हो दिव्यता, दिखते तीनों काल।
आँखें देखें यदि मलिन, जीवन बने बवाल।।आँखों को नैतिक रखें, तो मिलता उत्कर्ष।
आँखें नेहिल तो मिले, जीवन में नित हर्ष।।
जन्म : २५-०९-१९६१
निवासी : मंडला, म.प्र.
शिक्षा : एम.ए (इतिहास) (मेरिट होल्डर), एल.एल.बी, पी-एच.डी. (इतिहास)
सम्प्रति : प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष इतिहास/प्रभारी प्राचार्य शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
प्रकाशित रचनाएं व गतिविधियां : पांच हज़ार से अधिक फुचकर रचनाएं प्रकाशित
प्रसारण : रेडियो, भोपाल दूरदर्शन, ज़ी-स्माइल, ज़ी टी.वी., स्टार टी.वी., ई.टी.वी., सब-टी.वी., साधना चैनल से प्रसारण।
संपादन : ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं/विशेषांकों का सम्पादन। एम.ए.इतिहास की पुस्तकों का लेखन
सम्मान/अलंकरण/ प्रशस्ति पत्र : देश के लगभग सभी राज्यों में ७०० से अधिक सारस्वत सम्मान/ अवार्ड/ अभिनंदन। म.प्र.साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी अवार्ड (५१०००/ रु.)
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻