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देश मेरा

मुकेश गाडरी
घाटी राजसमंद (राजस्थान)

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सीमा पर तैनात है जवान जो,
सर्दी, गर्मी व बरसात सहन कर लेते हैं।
ऐच्छिक सेना बनकर पीछे कभी ना हटते,
दुश्मनों को कभी ना भीतर आने देते हैं।
सबसे प्यारे जवान हमारे सबसे प्यारा देश मेरा…

दुनिया के पवन रूपी में सुप्रसिद्ध हुआ भारत जो,
तरह-तरह की संस्कृति, तरह तरह का वेश।
भाषा है जो अनेक, तीर्थ स्थल है यहां अनेक,
जगतगुरु व स्वर्ण चिड़िया कहलाया भारत देश।
कितना सुंदर कितना निराला भारत देश मेरा…..
हर क्षेत्र में ना कभी पीछे हटता भारत,
खेल में सबसे आगे रहता है जो।
प्रथम प्रयास पर मंगल पर पहुंचता है भारत,
संकट में जात पात धर्म भूल जाता है।
हर मुसीबत में साथ निभाता है भारत,
चार धाम है जहां पर वो भारत देश मेरा….

परिचय :- मुकेश गाडरी
शिक्षा : १२वीं वाणिज्य
निवासी : घाटी (राजसमंद) राजस्थान
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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