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कोरोना आजकल

जितेन्द्र देवतवाल ‘ज्वलंत’
शाजापुर (मध्य प्रदेश)
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साथ-साथ चले कोरोना आजकल।
भाई ! मुह पर मास्क लगाकर चल।।

चारो तरफ कोरोना लहर अविचल।
पुर्वांचल से लेकर तक पश्चिमांचल।।

दक्षिण से लहर हो सकती हिमाचल।
हे वैक्सीन मास्क दूरी ही प्रबल हल।।

हे सांसों में जहरीली हवा रही मचल।
ये बदन में न समा जाए रहो चंचल।।

जीव आवास बनाया कंक्रीट जंगल।
बगिया में खोली है होटल रत्नाचल।।

अब कैसे उमड़ेंगे सौरभ के बादल।
बजाओ पर्यावरण संरक्षा का बिगुल।

मरे चूहे पे मानवी कौए की हलचल।
आज न संभले तो क्या होगा कल।

हर मोसम कोरोना संक्रमण सचल।
हाथों में क्रांति का ध्वज लेके चल।।

कुदरत के साथ किया मानव ने छल।
भाई ! मुह पर मास्क लगाकर चल।।

परिचय :-  जितेन्द्र देवतवाल ‘ज्वलंत’
निवासी : शाजापुर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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